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अगर आप शेयर बाजार में नए हैं और IPO में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो आपने “GMP” शब्द ज़रूर सुना होगा। यह एक ऐसा शब्द है जो IPO के आने से पहले ही बाजार में हलचल पैदा कर देता है। लेकिन यह GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) क्या है और IPO के साथ इसका क्या संबंध है? आइए इस अनोखे और अनौपचारिक बाजार को गहराई से समझते हैं।

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क्या है ग्रे मार्केट?

सबसे पहले, ग्रे मार्केट को समझना जरूरी है। यह एक अनौपचारिक और अनियंत्रित बाजार है जहां कंपनियां अपने शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध करने से पहले ही ट्रेडर्स और निवेशकों के बीच अनौपचारिक रूप से खरीदे और बेचे जाते हैं। यह न तो पूरी तरह से अवैध है और न ही पूरी तरह से कानूनी, क्योंकि यह SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) जैसे किसी भी नियामक निकाय के अधीन नहीं है। यह पूरी तरह से विश्वास और आपसी समझौतों पर चलता है।

GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) क्या है?

GMP, यानी ग्रे मार्केट प्रीमियम, वह अतिरिक्त राशि है जो निवेशक किसी IPO के शेयर को उसकी आधिकारिक इश्यू कीमत से ज्यादा देने को तैयार होते हैं। सीधे शब्दों में कहें, तो यह एक तरह का प्रीमियम है जो ग्रे मार्केट में शेयरों की मांग को दर्शाता है।

उदाहरण के लिए:

मान लीजिए कि किसी कंपनी का IPO ₹100 प्रति शेयर की कीमत पर आ रहा है। अगर इसका GMP ₹30 है, तो इसका मतलब है कि ग्रे मार्केट में निवेशक उस शेयर को ₹130 (₹100 + ₹30) में खरीदने को तैयार हैं। यह दर्शाता है कि निवेशक उस कंपनी के शेयरों में बहुत रुचि रखते हैं और उन्हें उम्मीद है कि यह शेयर लिस्टिंग के दिन अच्छे प्रीमियम पर लिस्ट होगा।

GMP IPO में क्यों महत्वपूर्ण है?

GMP, IPO के लिए एक महत्वपूर्ण सूचक के रूप में काम करता है। यह बाजार की भावना और निवेशक की रुचि को दर्शाता है।

* सकारात्मक GMP (Positive GMP): अगर GMP ज्यादा है, तो यह दर्शाता है कि IPO की मांग मजबूत है और लिस्टिंग के दिन शेयर की कीमत बढ़ने की संभावना है। निवेशक अक्सर ऐसे IPOs में ज्यादा रुचि दिखाते हैं।

* नकारात्मक GMP (Negative GMP): अगर GMP नकारात्मक है, तो इसका मतलब है कि ग्रे मार्केट में शेयरों की मांग कम है और निवेशक इश्यू कीमत से कम में शेयर खरीदने को तैयार हैं। यह कम रुचि और कमजोर लिस्टिंग का संकेत हो सकता है।

* GMP का अनुमान: GMP लिस्टिंग के दिन होने वाले संभावित लाभ या हानि का एक अनुमान देता है। हालांकि, यह कोई गारंटी नहीं है।

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GMP IPO में कैसे काम करता है?

IPO में GMP की गणना करना बहुत सरल है। यह ग्रे मार्केट में ट्रेड हो रहे शेयर की कीमत और कंपनी द्वारा तय की गई इश्यू कीमत के बीच का अंतर है।

GMP = ग्रे मार्केट प्राइस – इश्यू प्राइस

उदाहरण:

अगर किसी IPO का इश्यू प्राइस ₹200 है और ग्रे मार्केट में उसका भाव ₹240 है, तो GMP ₹40 होगा। इसका मतलब है कि निवेशकों को ₹40 प्रति शेयर का लिस्टिंग गेन मिलने की उम्मीद है।

GMP के अलावा और क्या है ग्रे मार्केट में?

GMP के अलावा, ग्रे मार्केट में एक और शब्द बहुत प्रचलित है: Kostak Rate (कोस्टक रेट)। यह एक और तरीका है जिसके द्वारा निवेशक IPO में ट्रेडिंग करते हैं। Kostak Rate उस कीमत को कहते हैं जिस पर IPO के आवेदन या फॉर्म को बेचा जाता है। यह आवंटन (allotment) मिलने या न मिलने पर निर्भर नहीं करता। इसका मतलब है कि निवेशक को आवंटन मिले या न मिले, उसे यह राशि चुकानी होगी।

निष्कर्ष: क्या GMP पर पूरी तरह से भरोसा करना चाहिए?

GMP एक महत्वपूर्ण सूचक है, लेकिन यह कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। यह सिर्फ बाजार की अटकलों और अनौपचारिक ट्रेडिंग पर आधारित होता है। किसी भी IPO में निवेश करने से पहले, कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, प्रबंधन, व्यवसाय मॉडल और भविष्य की संभावनाओं का गहन अध्ययन करना बहुत जरूरी है। GMP सिर्फ एक संकेत है, कोई गारंटी नहीं। IPO में निवेश करना हमेशा जोखिम भरा होता है, और यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी रिसर्च करें और

सोच-समझकर फैसला लें।